हॉट माँ के मोटे चूचे और मेरी हवस – Maa Ki Chudai

Maa Ki Chudai : दोस्तो, मेरा नाम नितिन है और मैं पटना के बिहारशरीफ का रहने वाला हूं|मैं अपने माँ और पिता जी के साथ रहता हूँ| मेरे पापा बिजनेस के सिलसिले में ज्यादातर बाहर ही रहते हैं| मेरी माँ के बारे में बताऊं तो वह बहुत ही सेक्सी है|

मेरी सेक्सी माँ की उम्र 36 साल है| अब मैं आपको वह वाकया बताता हूँ जो मेरे साथ हुआ|यह बात तब की है जब मैं कॉलेज के पहले साल में था| मेरी आयु उस वक्त 20 वर्ष थी| रात का समय था और मैं अपनी माँ के साथ बेड पर सो रहा था|

रात के करीब 12 बजे मुझे प्यास लगी और मैं जग गया| जब मेरी आंख खुली तो मैं देख कर हैरान रह गया| मेरी माँ लाल रंग की नाइटी में सो रही थी| उसके चूचे भी आधे ऊपर से दिखाई दे रहे थे|यह देख कर मेरे अंदर सेक्स जग गया |

मैंने धीरे से अपनी माँ के चूचों पर हाथ रख कर उनको आहिस्ता से दबाना शुरू कर दिया| बहुत ही नर्म चूचे थे मेरी माँ के पास| उसके बाद मैंने उत्तेजना में माँ की नाइटी को ऊपर कर दिया| नीचे से माँ ने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी हुई थी|

मैंने हिम्मत करके माँ की चूत पर हाथ रखा तो वह बहुत गर्म महसूस हुई मुझे|उसके बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया जो पूरी तरह से तन चुका था| मैं एक हाथ से अपने लंड को हिलाने लगा और दूसरे हाथ से माँ की चूत को सहला रहा था|

कुछ देर के बाद मैं उत्तेजना के कारण वहीं बेड पर ही झड़ गया| मेरा वीर्य वहीं बेड पर ही गिर गया| उसके बाद मुझे नींद आ गई| सुबह उठा तो पता चला कि माँ मुझसे पहले ही उठ गई थी| मैं बाथरूम में गया |

कमॉड पर बैठ कर अपने लंड को देखने लगा| देखते ही देखते मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया| मैंने वहीं पर मुट्ठ मारी और बड़ी मुश्किल से लंड को शांत किया|उसके बाद मैं बाथरूम से निकल कर नीचे किचन में चला गया|

वहाँ पर जाकर देखा तो मेरी माँ खाना बना रही थी|माँ ने मेरी तरफ देखा और रोज की तरह एक स्माइल दी|उसके बाद हम लोगों ने ब्रेकफास्ट किया और फिर मैं अपने रूम में चला गया| रूम में जाते ही मैं सोचने लगा|

मॉम को चोदना ठीक होगा या नहीं? सोचते-सोचते मेरे दिमाग ने यही सुझाव दिया कि माँ एक औरत है और मैं एक मर्द हूँ| औरत तो चोदने के लिए ही बनी होती है| उसके बाद मैंने आज रात को ही माँ को चोदने की प्लानिंग करना शुरू कर दिया|

सुबह दस बजे मेरा कॉलेज होता था| मैं कॉलेज चला गया और वहाँ से शाम को तीन बजे वापस आया| घर पर आकर मैं टीवी देखने लगा| मगर माँ शायद उस वक्त घर पर नहीं थी| पांच बजे के करीब माँ भी घर पर आ गई|

हम दोनों साथ में बैठ कर टीवी देखने लगे| मैं तो रात का इंतजार कर रहा था कि कब 9 बजेंगे और मुझे मेरी माँ की चूत को चोदने का मौका मिलेगा| 9|30 बजे के करीब हमने डिनर किया और खाना खाकर हम सो गये|

कुछ ही देर के बाद माँ तो सो गयी मगर मुझे नींद नहीं आ रही थी| मैं तो माँ की चूत को चोदने के ही ख्यालों में था| मगर अभी मुझे 12 बजे का इंतजार करना था ताकि माँ गहरी नींद में सोती रहे| मैंने 12 बजे का अलार्म लगा दिया |

मेरी भी आंख लग गई| उसके बाद जब 12 बजे अलार्म बजा तो मैंने झट से उठ कर उसको बंद कर दिया ताकि अलार्म की आवाज से माँ न उठ जाए|नजर को माँ की तरफ घुमाया तो देखा कि मेरी माँ कयामत लग रही थी|

उसने कल वाली नाइटी ही पहनी हुई थी|माँ की नाभि पर मैंने हाथ रखा तो माँ की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई| उसके बाद मैंने माँ के पेट पर हाथ फिराया मगर उसके बाद भी माँ ने किसी तरह की हलचल नहीं की|

अब मेरी हिम्मत धीरे-धीरे बढ़ रही थी| मैंने आहिस्ता से अपने हाथ को माँ के बूब्स की तरफ चलाना शुरू किया| मैंने पहले माँ की चूचियों पर हाथ रखा और फिर आराम से उनको दबाया|कुछ देर तक चूचियों को दबाने के बाद |

ने आहिस्ता से अपना हाथ माँ की नाइटी में डाल दिया| नाइटी में हाथ डालकर मैंने माँ के बूब्स को बाहर निकाल लिया और उसको देखने लगा| कुछ देर तक देखता रहा कि मेरी माँ के बूब्स कैसे हैं|

मैंने देखा कि मेरी माँ के बूब्स बहुत ही मोटे थे और उसके निप्पल बिल्कुल भूरे रंग के थे|उसके बाद मैंने अपनी माँ के एक चूचे को अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगा| मैंने चूचे को चूसना शुरू किया ही था कि मेरी माँ जाग गई|

मैं एकदम से डर गया|माँ बोली,नितिन , यह तुम क्या कर रहे हो?मैं चुपचाप नीचे ही देखता रहा| मुझे लगा कि जरूर मेरी माँ मेरी इस हरकत पर गुस्सा हो जायेगी|लेकिन माँ ने मेरा चेहरा धीरे से ऊपर उठाया |

बोली,बेटा, यह सब गलत है| मैं तेरी माँ हूं| जब तेरी शादी हो जायेगी तो अपनी बीवी के साथ तुम यह कर लेना|मैंने माँ से कहा,माँ, मैं आपको बहुत पसंद करने लगा हूँ और आपके साथ सेक्स करना चाहता हूं|

मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ|माँ बोली,नहीं, ऐसा नहीं कहते| तुम ऐसा कुछ नहीं करोगे मेरे साथ|उसके बाद माँ सो गयी और मुझे भी सोने के लिए कह दिया| सुबह उठने के बाद मैंने हाथ मुंह धोया और किचन में गया तो माँ नाश्ता बना रही थी|

कुछ देर के बाद माँ मेरे पास आकर बैठ गई| मगर मैं माँ से बात नहीं कर रहा था| मैंने माँ की तरफ देखा भी नहीं|माँ बोली,क्या बात है, तुम नाराज हो मुझसे?मैंने कहा,हाँ, आपको मेरी फिक्र ही नहीं है|यह सुनकर माँ हंसने लगी |

कहने लगी कि बेटा ऐसी कौन सी माँ होती है जिसको अपने बच्चे की फिक्र न होती हो| मगर तुम जो करना चाहते हो वह ठीक नहीं है| वह गलत है बेटा|मैंने माँ का हाथ पकड़ लिया और कहा कि कुछ गलत नहीं है माँ| हम ऐसा कर सकते हैं|

किसी को कुछ पता नहीं चलेगा|माँ बोली,ठीक है, मुझे सोचने के लिए थोड़ा सा वक्त दो|मैंने कहा,ठीक है माँ, आपके पास केवल आधा घंटा है सोचने के लिए| आप अच्छी तरह से सोच लो|यह कहकर मैं अपने कमरे में चला गया|

जब आधे घंटे से ऊपर वक्त गुजर गया तो मैं अपने रूम से बाहर आया और किचन में जाकर देखा तो माँ केवल ब्रा और पैंटी में ही खड़ी थी| मैं समझ गया कि माँ तैयार हो गई है| मैंने झट से माँ को पीछे से जाकर पकड़ लिया|

माँ को पीछे से पकड़ने के बाद मैं उनके बदन को छेड़ने लगा| उसके बाद मैं माँ को उसके कमरे में ले गया और उनको बेड पर लेटने के लिए कह दिया| माँ के पास जाकर मैंने माँ की ब्रा को खोल दिया और उसके चूचों को आजाद कर दिया|

माँ के चूचे अब मेरी आंखों के सामने पहली बार बिल्कुल नंगे हो चुके थे| मैंने कहा कि आपके चूचे तो बहुत ही बड़े हैं| उसके बाद मैं एक-एक करके माँ के चूचों को चूसने लगा| दस मिनट तक मैं माँ के चूचों को चूसता रहा|

जब से मैंने अपनी माँ के चूचों को पहली बार देखा था उसके बाद से ही मैं उसके चूचों को दबाने और चूसने के लिए बेताब हो उठा था|आज मुझे अपनी माँ को चूचों को पीने में बहुत मजा आया| मैं उसके चूचों को बहुत पसंद करता था|

मेरा मन कर रहा था कि ऐसे ही उसके चूचों को अपने मुंह में लेकर चूसता रहूँ| उसके बाद मैंने चूचों को बुरी तरह से काट लिया| मां ने मुझे हटने के लिए कह दिया| जब मैंने मुंह हटाया तो माँ के चूचे बिल्कुल लाल हो गये थे|

धीरे-धीरे अब मैं नीचे की तरफ जाने लगा| मैंने उसकी नाभि पर किस किया और उसके पेट को यहां-वहां से चूमा| माँ की सिसकारियाँ निकलने लगी थीं| मुझे माँ को ऐसे मचलते हुए देख कर बहुत अच्छा लग रहा था|

उसके बाद मैंने माँ की पैंटी को भी उतार दिया| माँ की चूत मेरे सामने नंगी थी| मैंने माँ की चूत को ध्यान से देखा| वह बिल्कुल क्लीन शेव की हुई थी|चूत को देख कर मैं बहुत ही ज्यादा गर्म हो गया था|

मैं उसकी चूत को देख कर अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये|कपड़े उतारते ही मेरा लंड माँ के सामने था| माँ ने मेरे लंड को देख कर कहा कि यह तो बहुत ही बड़ा है|

मैंने कहा,आज मैं इसको आपकी चूत में डालूँगा|इतना बोलने के बाद मैंने माँ की चूत पर लंड को लगा दिया| मगर अभी मैं कुछ और करना चाहता था|मैंने लंड को वापस हटा लिया और चूत पर अपना मुंह रख दिया|

मैं चूत को मुंह से चाटने लगा| मुझे अपनी माँ की चूत से बहुत ही मनमोहक खुशबू आ रही थी| मैं जोर से चूत में अपनी जीभ चलाने लगा|मां ने पूछा कि मजा आ रहा है तो मैंने कहा कि हाँ बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है|

उसके बाद मैंने माँ से कहा,मैं आपके मुंह में लंड डालना चाहता हूँ|माँ ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी| मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया था| मैंने माँ के मुंह में जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये|

दस मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मां को लेटने के लिए कह दिया|लेटने के बाद मैंने माँ की टांगों को फैला दिया और उनकी चूत में अपने लंड को रगड़ने लगा| बहुत मजा आ रहा था ऐसा करने में|

मैंने चूत में लंड रगड़ना जारी रखा और मजा लेता रहा| माँ भी बहुत गर्म हो गई थी| उसके बाद मैंने चूत में लंड का टोपा डाल दिया और माँ चीख पड़ी|माँ बोली,तुम्हारा लंड तो बहुत ही बड़ा है| यह तुम्हारे पापा के लंड से लंबा और मोटा भी है|

आराम से करना|मैंने धीरे से माँ की चूत में अपना पूरा लंड उतार दिया| माँ को बहुत दर्द होने लगा| माँ ने कहा,रुक जा नितिन कुछ देर के लिए|मैं वहीं पर रुक गया| मेरा लंड सच में चूत के अंदर के जाकर फंस सा गया था| इसलिए मैं रुका रहा|

कुछ देर के बाद जब माँ शांत हो गई तो मैंने धीरे से लंड को चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया| जब माँ को मजा आने लगा तो मैंने अपनी स्पीड थोड़ी सी बढ़ा दी| माँ को फिर से दर्द होने लगा और उसकी आंख में पानी आ गया|

मैं रुक गया| मगर मैंने लंड को चूत में ही रखा| उसके बाद जब दोबारा से माँ शांत हो गई तो मैंने चूत में फिर से चुदाई शुरू की| अब मुझे बहुत मजा आने लगा| माँ को भी मजा आने लगा था|कुछ देर तक चुदाई करने के बाद मैंने माँ को घोड़ी बना दिया |

पीछे उसकी चूत में लंड को पेल दिया| माँ को घोड़ी बना कर चोदने में और ज्यादा मजा आया| माँ भी मेरे लंड से चुदाई को बहुत इंजॉय कर रही थी|माँ बोली,मेरी चूत में जलन हो रही है| अब रुक जाओ|मगर मेरा रुकने का मन नहीं कर रहा था |

मैं चूत की चुदाई करता ही रहा| कुछ धक्कों के बाद मैंने माँ की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया|चूत में वीर्य निकलने के बाद माँ बेड पर गिर पड़ी और मैं भी एक तरफ गिर पड़ा|माँ बोली,अब तो खुश हो गया होगा न तू?

मैंने कहा,हाँ मां, आज मैं बहुत खुश हूँ| लेकिन मैं आपकी चूत अब रोज ही चोदना चाहता हूँ|माँ बोली,ठीक है, जब तेरा मन करे तू मेरी चूत में लंड डाल लिया कर|मैं माँ का जवाब सुनकर खुश हो गया| मैंने उसके चूचों को फिर से दबा दिया|

माँ कराह उठी|बोली,क्या कर रहा है| पहले ही तूने काट-काट कर इनमें दर्द कर दिया है|मैंने कहा,आपके चूचे मुझे बहुत पसंद हैं माँ|माँ बोली,तेरे पापा भी ऐसे ही बोलते हैं| मगर उनका लंड इतना बड़ा नहीं है|

मैंने पूछा,आपको मेरे लंड से चुद कर कैसा लगा|मां बोली,तेरा लंड तो बहुत दमदार है| मैंने अपनी चूत में आज तक इतना बड़ा लंड नहीं लिया था|मैंने बोला,आपने पापा के अलावा किसी और के साथ भी चुदाई की है

क्या?मां बोली,हाँ शादी से पहले जब मैं अपने घर में थी तो वहाँ पर एक लड़के ने मेरी चूत चोदी थी| मगर उसका लंड भी ज्यादा बड़ा नहीं था|मैंने पूछा,तो फिर आपको डर नहीं लगा कि कहीं पापा को इस बारे में पता चल जाता तो?

मां बोली,उस लड़के ने बस दो या तीन बार ही मेरी चुदाई की थी| उसका लंड भी ज्यादा बड़ा और मोटा नहीं था| वैसे भी औरत की चूत जवानी में इतनी ज्यादा टाइट होती है कि चुदाई के बाद किसी मर्द को पता नहीं लग पाता कि वह पहले भी चुदी हुई है|

लेकिन बच्चा होने के बाद चूत काफी ढीली हो जाती है| तेरे पापा मेरी चुदाई तो करते हैं मगर ऐसे नहीं करते कि मेरी चूत ढीली पड़ जाये| मगर मुझे लग रहा है कि तेरा लंड मेरी चूत को जरूर ढीली कर देगा|

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इतना सुनने के बाद मैंने माँ की चूत में उंगली डाल दी| मैंने माँ की चूत में उंगली फिरा कर देखी|मेरे लिए तो चूत का यह पहला अनुभव था इसलिए पता नहीं चल पाया कि माँ की चूत कितनी टाइट है| मगर इतना तो पता लग गया था|

कि मेरा लंड मेरी माँ की चूत में फंस जा रहा था| मगर फिर भी मुझे चुदाई करके बहुत मजा आया|कुछ देर तक हम ऐसे ही सेक्स की बातें करते रहे| उसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिये और सो गए|

उस दिन के बाद से मेरी माँ के साथ मेरा रिश्ता बदल गया था| मैं माँ की चूत का दीवाना हो गया था| मैं कभी किचन में माँ को पकड़ लेता था और कभी बाथरूम में| मैंने चूत को चोदने के बाद अपनी माँ की गांड का स्वाद भी चखा|

मेरी माँ की गांड बहुत ही टाइट है| शायद पापा ने माँ की गांड की चुदाई कभी नहीं की| गांड में तो मेरा लंड बिना तेल के अंदर जा ही नहीं पाया था| मगर एक दो बार उसकी गांड को चोदने के बाद माँ को भी पीछे लेने में मजा आने लगा|

जब भी मौका मिलता है मैं अपनी माँ के साथ मजे ले लेता हूँ|दोस्तो, यह थी मेरी माँ की चूत की चुदाई की कहानी| आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी आप इसके बारे में मुझे मेल करके जरूर बतायें|

मैं आपके कमेंट्स और मेल का इंतजार करूँगा|आपकी राय के बाद मुझे आगे भी आपके लिए कहानी लिखने के लिए प्रेरणा मिलेगी| थैंक्यू!

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