सविता चाची की अंधाधुन चुदाई – Chachi Ki Chudai

Chachi Ki Chudai : हैलो दोस्तों मेरे संबंध मेरी चाची के साथ हैं जिनका नाम सविता हैं। मैं अपनी चाची को खूब चौदता हूँ और जी भरकर गांड मारता हूँ। लेकिन मुझसे पहले भी उनका संबंध एक आदमी से रह चुका हैं |

उसी की कहानी आपको सुना रहा हूँ।सविता एक घरेलू महिला हैं जिसकी उम्र लगभग 38 साल की और कद ५.२ इंच हैं। उसका वजन अधिक हैं जिससे वह मोटी ज्यादा दिखती हैं।

इसके बावजूद वह एक गोरी चिट्टी सेक्सी महिला हैं जिसे देखकर हर दीवाने का लंड खड़ा हो जाये।उसकी तीन लड़कियाँ तथा एक लड़का हैं। दो लड़कियों की शादी हो गई हैं तथा एक लड़की रक्षा जिसकी उम्र १९ साल था|

लड़के राजू की उम्र १५ साल हैं।इस उम्र में भी सविता पर सेक्स का बुखार कम नहीं हुआ हैं उलटे और अधिक बढ गया हैं। सविता के पति सुधीर का वजन भी ज्यादा हैं और अब उनमें वो बात नहीं रही जो जवानी में होती हैं।

इसलिये सविता संतुष्ट नहीं होती हैं।सविता अपने नाम के अनुरूप ही सजती संवरती हैं और किसी महारानी से कम नहीं लगती। आज सविता कुछ ज्यादा ही सज-संवर रही थी। पति ने पूछा तो बताया कि आज के दिन हम पहली बार मिले थे|

इसलिये सज-संवर रही हूँ। आज हम फिर हमारी सुहागरात की याद ताजा करेंगें।सुधीर मुस्कुराकर बोले,क्यों नहीं मेरी रानी। आज बहुत दिनों बाद हम सेक्स का मजा लेंगें।ठीक हैं ठीक हैं !पर जल्दबाजी मत करना।

प्यार से रगड़ना मुझे ! वरना तुम पप्पी झप्पी लोगे और सो जाओगे। मेरी चूत प्यासी रह जायेगी।अरे तुम चिंता मत करो !आज मैं ताकत के कैप्सूल खा लूंगा और तुम्हें जी भर कर चौदूंगा।

दोनों हंसने लगे। सुधीर ने आगे बढकर सविता के रसीले होंठों को चूम लिया। शाम होते होते सविता सुधीर का इंतजार करने लगी। बच्चे सविता से पूछने लगे कि आज क्या बात हैं जो आप इतना सज संवरकर बैठी हैं।

किसी पार्टी में जाना हैं क्या?अरे नहीं बच्चों ! बस आज मेरा मन बहुत खुश हैं इसलिये थोड़ा सज संवर लिया! सविता बच्चो को समझाते हुए बोली।पर रक्षा समझ गई कि आज कुछ गड़बड़ होने वाली हैं।

रात में सभी ने खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गये। सविता ने आज अपने कमरे में गुलाब जल छिड़क रखा था। भीनी-भीनी खुश्बू पूरे कमरे में महक रही थी। सुधीर और सविता दोनों अपने बिस्तर पर बैठे बातें करने लगे।

सविता के हाथ सुधीर के हाथों में थे। सुधीर ने एक हाथ सविता के बालों में डाला और सविता के भीगे होंठों को चूसने लगे। सुधीर ने सविता की साड़ी खोल दी। सविता ने भी तेजी दिखाई और सुधीर के कपड़े खोल दिये।

अब सविता सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी तो सुधीर सिर्फ अण्डरवियर पहने थे। उनका लंड अण्डरवियर में से अपनी झलक दिखला रहा था। सुधीर ने ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल दिया। सविता पूरी तरह नंगी हो गई|

क्योंकि उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। सुधीर सविता के प्रत्येक अंग को चूमने लगे। सविता उत्तेजित होने लगी। सुधीर ने सविता के बडे -बडे बूब्स को खूब चूसा। एक एक अंग को चूमते चूमते सुधीर के होंठ सविता की चूत को चूसने लगे।

सविता बुरी तरह उत्तेजित हो गई। सविता ने एक हाथ से सुधीर की अण्डरवियर में हाथ डाला और उनका लंड पकड लिया।सविता ने सुधीर को उठाया और उनका लंड अपने मुंह में भर लिया। सुधीर तड़पने लगे |

सविता और जोर-जोर से लंड चूसने लगी। सुधीर को झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी और सारा वीर्य सविता के मुंह में भर दिया। सविता एक-एक बूंद चाट गई।सविता ने सुधीर के होंठों को अपने होंठो के बीच दबा लिये |

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जोर जोर से चूसने लगी। गर्दन से नीचे आने पर सविता ने सुधीर के छोटे-छोटे निप्पल को बुरी तरह से चूस लिया। सुधीर की तड़प बढ़ गई। सविता सुधीर के शरीर को चूमते हुए फिर लंड तक पहुंच गई और ढीले लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी।

बहुत देर चूसने के बाद सुधीर का लंड फिर से खड़ा होने लगा। सुधीर जोश में आ गये और सविता को बिस्तर पर लिटाकर अपना लंड सविता की चूत में डाल दिया। सुधीर धक्के पर धक्के लगाने लगे।

सविता को मजा आने लगा और वह कहने लगी,आज तो इस चूत की धज्जियां उड़ा दो मेरे सरकार ! फाड़ कर रख दो इसे !इतना सुनते ही सुधीर ने जोर जोर से धक्के लगाना शुरू किये और सारा माल एक ही झटके में सविता की चूत में भर दिया ।

सविता अभी तक झड़ी नहीं थी। लेकिन सुधीर का लंड ढीला हो चुका था। सविता फिर से चूदाने के मूड में थी इसलिये फिर से उसने लंड को अपने मुंह में भर लिया। बहुत देर तक लंड चूसने के बाद भी लंड खड़ा नहीं हुआ।

सविता फिर मन मारकर लेट गई। सुधीर थक गये थे इसलिये उन्हें फटाफट नींद आ गई लेकिन सविता अभी भी प्यासी थी। उसने अपनी उंगलियों को ही चूत में डाल-डालकर अपना पानी निकाल लिया।

सुबह सुधीर बडे फ्रेश लग रहे थे लेकिन सविता अनमनी सी लग रही थी। सविता ने सुधीर से ज्यादा बात नहीं की और उन्हें खाना खिलाकर काम पर भेज दिया। दोनों बच्चे स्कूल चले गये। वह घर पर अकेली बोर होने लगी।

वह बार-बार यहीं सोच रही थी कि कैसे अपनी प्यास बुझाई जायें। इनका लंड तो अब डालते से ही झड़ जाता हैं। क्या किसी और से चूदवा लूं? लेकिन उसका मन नहीं मान रहा था। आज पहली बार किसी पराये मर्द के लिये उसके मन में ख्याल आया था।

सविता अभी इसी सोच में पड़ी हुई सोफे पर लेटी थी। तभी दरवाजे की घंटी बजी। सविता ने दरवाजा खोला तो सामने एक आदमी खड़ा था, जिसकी उम्र लगभग ५० साल की होगी। उसकी सफेद दाढ़ी थी |

तथा सिर पर बाल बहुत कम थे। उसने बताया कि सुधीर जी ने उसे टॉयलेट की सफाई के लिये भेजा हैं।सविता उस आदमी को टॉयलेट तक लेकर गई। सविता ने उसका नाम पूछा तो उसने अपने नाम रामु बताया।

रामु अपने काम में लग गया। कुछ ही देर में उसका सारा काम हो गया।काम होने के बाद रामु के कपडे गीले हो चुके थे। वह बाथरूम में गया और अपने शर्ट और पेंट उतारकर शॉवर में नहाने लगा।

उसने दरवाजा आधा ही बंद किया था। उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। वह नंगा होकर शॉवर का आनंद लेने लगा।काम हुआ या नहीं, यह देखने के लिये सविता बाथरूम तक पहुंची। बाथरूम तक पहुंची तो उसके होश उड़ गये।

रामु नंगा होकर नहा रहा था। उसका लंड देखकर उसकी सांसे तेज हो गई। रामु ने सविता को देख लिया था पर वह यह जता रहा था कि उसने उसे देखा ही नहीं। सविता से कुछ बोलते नहीं बनी। अभी भी उसकी सांसे तेज चल रही थी।

कुछ देर बाद सविता संभली तो उसने रामु को बोला,यह तुम क्या कर रहे हो। तुम्हें सिर्फ सफाई के लिये बुलाया था, नहाने धोने के लिये नहीं।रामु हकलाकर बोला,मुझे माफ कर दो मेमसाब ! मेरे कपड़े और बदन गंदे हो गये थे |

इसलिये सोचा कि दोनों को साफ कर लूं।सविता बोली,ठीक हैं, ठीक हैं। जल्दी करो। मैं अपने बेडरूम में जा रही हूं। काम हो जाये तो पैसे ले जाना।रामु ,जी मेमसाब।

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रामु मन ही मन खुश हो रहा था कि मेमसाब उससे नाराज नहीं हुई। हो न हो उसे भी लंड की चाहत जरूर होगी वरना इतनी देर में तो कोई भी उसे खरी खोटी सुनाता और घर से निकाल देता।

इधर सविता अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर बैठ गई। उसके मन में रामु का नंगा शरीर ही दिख रहा था। वह अपने को काबू में नहीं रख पा रही थी। उसने अपने कपड़े खोले और गाउन पहन लिया ।

रामु नहाकर बाहर निकला। उसने कपड़े भी नहीं पहने और सविता के कमरे की ओर चला आया। अंदर सविता गाउन पहने अपने बिस्तर पर लेटी थी। वह आंखे बंद करके मन ही मन में रामु के बारे में सोच रही थी।

रामु ने देखा कि दरवाजा हल्का सा खुला हैं। उसने अंदर झांका तो सविता आंखे बंद करके लेटी थी।इस अवस्था में देखकर उसके मन में भी सेक्स का बुखार चढ़ने लगा। उसका लंड तनतनाकर ७ इंच का हो गया।

वह दबे पांव सविता तक गया और उसके होंठों पर होंठ रख दिये।सविता बूरी तरह चौंक गई। वह सोच भी नहीं सकती थी कि रामु आकर उसके होंठों को चूम लेगा। उसने सोचा कि रामु को डांटकर भगा दे |

लेकिन अपनी हवस पर काबू नहीं रख पाई और रामु से चिपक गई। रामु ने भी उसे बाहों में भर लिया और उसकें होंठों का रस चूसने लगा। सविता पर चूदवाने का नशा इस तरह चढ गया था |

कि वह एक भंगी के बदबूदार मुंह को अपने मुंह से लगाकर चूमाचाटी कर रही थी।बहुत देर तक सविता के होंठों की मां चोदने के बाद रामु ने सविता का गाउन खोलकर उसे नंगा कर दिया।

उसे सविता की बड़ी लेकिन प्यारी सी चूत दिखाई दी जो पूरी तरह क्लीन शेव्ड थी। रामु ने चूत को अपने होंठों से लगाकर बूरी तरह चूसने लगा। सविता पागल सी हो गई|

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