देहाती गर्लफ्रेंड की गुलाबी फुद्दी मारी – Muslim Sex Story

Muslim Sex Story : फ्रेंडस, मेरा नाम अब्दुल हमीद है, मैं गाजियाबाद के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ|यह नेक्स्ट डोर गर्ल सेक्स कहानी मेरी पड़ोसन लड़की नूरजहाँ के साथ मेरी चुदाई की कहानी है

वो मुझसे चुदने के बाद हमेशा सेक्स के लिए तैयार रहती थी|ये उसी की कामुक जिंदगी पर आधारित है|वर्तमान समय में नूरजहाँ की किसी और से शादी हो चुकी है और उसका एक लड़का भी है लेकिन वो अभी भी मुझसे बातें करती है|

शायद वो मुझे और मेरे लंड को अभी तक नहीं भूली है|यह कहानी मेरी ऐसी गर्लफ्रेंड की है जो हमेशा अपनी चूत में लंड लेने को उतावली रहती थी, फिर चाहे वो किसी का लंड ही क्यों ना हो|

पहले मैं आपसे उसका परिचय करा देता हूँ|नूरजहाँ की हाइट 5 फुट 3 इंच है| वो 34-28-36 के ग़ज़ब के फिगर की मालकिन है|वो कपड़े तो ऐसे पहनती है कि उसे देखते ही किसी भी बंदे का लंड खड़ा हो जाए|

प्यासी सेठानी और ठरकी बाबा की रासलीला – Antarvasna Sex Story

वो बहुत ही गहरे गले वाले कपड़े और अधिकांशत: बैकलैस कपड़े ही पहनती थी|उसे देख कर ऐसा लगता था मानो उसके कपड़े उसको छुपा कम और दिखा ज्यादा रहे हों|हम लोग अपने गांव से 5 किलोमीटर दूर के शहर में पढ़ने जाते थे|

वो कंप्यूटर की क्लास ज्वाइन करने जाती थी और मैं एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए एक कोचिंग क्लास में जाता था|हम दोनों कई बार टेंपो से साथ आते जाते थे|शुरू में मैं उससे ज्यादा बात नहीं कर पाता था|

शायद घर के बाहर वो भी किसी से बात नहीं करती थी इसलिए भी मेरी उससे बात करने की हिम्मत नहीं होती थी|एक बार जब हम लोग साथ टेंपो से आ रहे थे तो धोखे से मेरा पैर उसके पैर से लग गया|वो कुछ नहीं बोली, ना ही उसने अपना पैर हटाया|

उल्टे वो मुस्करा दी|गांव आते ही हम लोग उतर कर पैदल चल दिए|मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ चुकी थी तो मैंने उससे उसका फोन नंबर मांग लिया|उसने भी बिना देर किए अपना नंबर मुझे बता दिया|हमारी फोन पर बात शुरू हो गई थी|

कुछ ही दिन बाद मैं उससे सब तरह से बात करने लगा था|फ़िर एक दिन उसने मुझसे मिलने की बात कही|मैंने हामी भर दी तो उसने मुझे अपनी छत पर बुलाया|मैं शाम को उसकी छत पर गया, वहां वो अकेली थी|मैंने पूछा,क्यों बुलाया?

उसने मुझे देखा और एकदम से गले से लगा लिया|मैंने भी उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा|अपना एक हाथ मैंने उसके मम्मों पर रखा और दूसरा उसकी मोटी सी गांड पर रख दिया|

फिर दोनों हाथों से एक साथ उसे जोरों से दबाया|नूरजहाँ आह आह करने लगी और हम दोनों ही बहुत उत्तेजित हो गए|कुछ देर यूं ही मामला चलता रहा|अब उसने मेरी जींस के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ फिराया|

मेरा 6 इंच का कटा हुआ लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ था|उसने जींस में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया|मैंने भी कुर्ते के अन्दर हाथ डाला और उसके मम्मों को छुआ|

मुझे बहुत ही अच्छा लगा क्योंकि मैंने पहली बार किसी जवान लड़की के दूध छुए थे|मुझे उसके दूध बड़े ही मस्त लगे तो मैंने अपना पूरा हाथ उसके एक दूध पर जमा दिया और उसके निप्पल को अंगूठे से छुआ|

उसका निप्पल पूरी तरह से खड़ा था|वो मुझे रोकने लगी|मुझसे उत्तेजना के मारे रुका नहीं जा रहा था|मैंने उससे कहा,करने दो यार मजा आ रहा है|उसने मना कर दिया और बोली,अभी नहीं, फिर कभी|

मेरा ये फर्स्ट टाइम है और यहां छत पर खुले में कोई देख लेगा|मैंने कहा,तो इसका क्या करूं, यह तो खड़ा है|उसने जल्दी जल्दी हाथ चला कर मेरा पानी निकाल दिया|मैं भी उसे किस करके अपने घर आ गया|

जैसे ही मैं घर आया, वो फोन पर बोली,पूरा हो जाता तो मजा आ जाता यार … मेरा भी बहुत मन था|मैंने कहा,तुमने ही तो मना किया|वो बोली,कोई बात नहीं, फिर सही| अब तो मिलना होता रहेगा|

दोस्तो, यह नूरजहाँ के साथ मेरी पहली मुलाक़ात थी|अब मैं बहुत ही परेशान रहने लगा था|मुझे उसकी चूत देखनी थी|एक दिन मैंने उससे कहा भी कि छेद दिखा दो|मगर उसने मना कर दिया|

वो बोली,यह कभी नहीं होगा क्योंकि उसे मैं अपने शौहर के लिए ही अनटच रहने दूंगी| अगर प्यार करना है, तो केवल यही ऊपर ऊपर वाला प्यार कर लो, नहीं तो रहने दो|मैंने उसे बहुत समझाया मगर वो कहां मानने वाली थी|

फिर आखिर वो दिन आ ही गया, जब मैंने उस नेक्स्ट डोर गर्ल की चूत देख ही ली|हुआ यूं उस दिन रात के 11 बज रहे थे और हम लोग फोन पर बात कर रहे थे|मैंने सेक्स चैट से उसे बहुत उत्तेजित कर दिया था|

मैंने पूछा,कहां हो अभी?वो बोली,छत पर|मैंने कहा,मैं आ रहा हूँ|वो भी मान गई|मैं उसकी छत पर गया|उधर वो अकेली थी|मैं जाते ही उसे किस करने लगा|नूरजहाँ भी मेरा साथ दे रही थी|

फिर वो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई और उसने मेरे दोनों हाथ अपने दोनों बूब्स पर रख दिए|वो बोली,लो मेरे दूध जोर जोर से दबाओ, आज इन्हें पूरा निचोड़ दो|मैंने भी उसके बूब्स बहुत जोर जोर से दबाए|

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और उसकी गांड में चुभ रहा था|उसको जब महसूस हुआ तो उसने भी पीछे हाथ लाकर मेरे लंड को पकड़ लिया|मैं एक हाथ उसके पेट पर सहलाते हुए उसकी लैगी के अन्दर चूत पर ले जाने लगा |

तो उसने रोक दिया|वो बोली,यहां के लिए मना किया था न मैंने!मैंने कहा,यार ,मैंने आज तक रियल में नहीं देखी है, प्लीज सिर्फ दिखा दो, मैं करूंगा कुछ नहीं|मेरे ज्यादा कहने पर वो मान गई|

फिर वो बोली,मगर यहां नहीं, कोई देख लेगा| नीचे चलो मेरे परली तरफ वाले घर में चलो| उधर कोई नहीं है|मैंने उसके साथ उसके दूसरे घर में गया|मैंने उसकी तरफ वासना से देखा|उसने कहा,तुम खुद ही उतारो|

मैंने उसकी लैगी उतारी, वो लाल रंग की पैंटी पहनी थी|मैंने पैंटी के ऊपर से चूत को सहलाया|चूत पर हाथ लगते ही उसने एक आह भरी, फिर मेरा हाथ हटाकर बोली,अब देखो, कुछ करना नहीं ओके!

मुझे दूर हटाकर खुद ही अपनी पैंटी उतार दी और बोली,देखो|उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे|मैंने कहा,प्लीज एक बार छूकर देख लेने दो|वो मान गई|मैंने चूत को छुआ|फिर उठ कर उसको किस करने लगा|

मेरा एक हाथ उसकी चूत पर, दूसरा उसके बूब्स पर था|वो बहुत उत्तेजित हो गई|मैं भी मौक़े का फायदा उठा कर नीचे आकर उसकी चूत चाटने लगा|नूरजहाँ की चूत बहुत गीली हो गई थी और नमकीन पानी निकल रहा था|

मेरा जी घबराया तो मैंने अपनी जीभ हटा ली|मैंने उससे कहा,अब तुम भी मेरा चूस लो … और वो अपने घुटने पर बैठकर मेरा लंड चूसने लगी|जब मुझसे बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैंने कहा,अब सब कुछ हो जाने दो प्लीज|

उसने फिर से मना किया लेकिन उसके ऊपर वासना सवार थी तो वो ठीक से मना नहीं कर सकी|मैंने भी उसे वहीं पर लिटा दिया, उधर नीचे एक बोरी थी|वो बोरी पर चूत उठाकर लेट गई थी|

मैंने उसकी चूत पर अपना लंड लगा दिया| चूत खुली सी थी तो लंड का सुपारा जरा से दाब में अन्दर चला गया|

जैसे ही थोड़ा सा लंड अन्दर गया, तो वो दर्द से ऊपर को सरक गई और उसके मुँह से चीख निकल गई|मुझे भी उसकी कसी हुई चूत में लंड पेलने से थोड़ा दर्द हो रहा था|उसने मुझे मना कर दिया|

वो बोली,आह मत करो, मुझे दर्द हो रहा है|वो रोने लगी तो मैंने कहा,फिर मैं अपने इस खड़े लंड का क्या करूं!उसने कहा,तुम पहले इसे बाहर निकालो प्लीज़|मैंने लंड बाहर निकाल लिया| वो उठ कर बैठ गई |

अपने हाथ से लंड पकड़ कर हिलाने लगी|मैंने कहा,मुँह में ले लो|वो मुँह से चूसने लगी|वो भले ही चूत में लंड को मजा न दे सकी हो, मगर मुँह में मस्त चूस रही थी|कुछ मिनट तक उसने मस्ती से लंड चूसा |

मैं भी उसका सर पकड़ कर मुख चोदन का मजा लेने लगा|मेरी मादक आवाजें निकलने लगीं और लंड फूलने लगा|अब मेरा निकलने को था तो वो समझ गई और अपने मुँह को हटाने लगी पर मैंने उसका मुँह कसकर पकड़ लिया |

उसके मुँह में ही अपना सारा माल निकाल दिया|वो भी पी तो गई मगर उसको उल्टी हो गई|कुछ देर बाद मैं वहां से चला आया|
मैंने घर आकर उसको कॉल किया मगर उसने नहीं उठाया, वो शायद मुँह में वीर्य डाल देने से नाराज थी|

फिर मैं सो गया … अगले दिन मैंने उसे मैसेज किया|उसका जवाब नहीं आया|मैंने कुछ नहीं किया बस सोचने लगा कि जब उसने लंड चूस ही लिया तो साली चुदेगी भी पक्के में!मैंने भी नूरजहाँ को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया|

अब जब हम दोनों पढ़ने जाते तो मैं उससे नहीं बोलता था|वो भी शुरू में मुझे नजरअंदाज कर रही थी|शायद वो सोच रही थी कि मैं ही उससे बोलूंगा, मगर मैं नहीं बोला|फिर चार दिन बाद उसका मैसेज आया,बड़ी अकड़ दिखा रहे हो|

मैंने तब भी कुछ नहीं कहा|उसने फिर से मैसेज किया ‘क्या हुआ?’मैंने कहा,कुछ नहीं हुआ| मैं अब तुमसे कोई उम्मीद नहीं रखता हूँ|वो बोली,उम्मीद न सही … मगर दोस्ती तो कायम रख सकते हो?

मैंने कहा,हां जैसे बहुत सारे दोस्त होते हैं, वैसे ही मैं तुम्हें अपना दोस्त मान सकता हूँ|फिर हम दोनों में बातचीत शुरू हो गई|उस दिन उसने कहा,मुझे मुँह में बहुत खराब लगा था|मैंने कहा,तो मत लेती मुँह में … चूत में क्या खराबी थी?

वो हंस गई और बोली,चलो आज करते हैं|मैंने कहा,ठीक है| पर आज नहीं कल|वो बोली,आज में क्या खराबी है?मैंने कहा,कल मेरे घर के लोग शादी में बाहर जा रहे हैं| घर में मैं ही रहूँगा|वो बोली,तो?

मैंने कहा,तुम छत से मेरे कमरे में आ जाना|वो खुश हो गई|दूसरे दिन वो रात में ग्यारह बजे के बाद मेरे कमरे में आ गई|मैंने उसे अपनी बांहों में ले लिया और वो भी मुझसे ऐसे चिपक गई, जैसे मैं उसका नाराज शौहर होऊं|

जल्द ही हम दोनों नंगे हो गए| वो मेरे लंड को खुद से चूसने लगी और मैंने भी उसकी चूत चाटी|बीस मिनट बाद वो बोली,अब देर मत करो|मैंने कहा,दर्द होगा|वो बोली,होने दो|मैंने कहा,तुम चिल्लाओगी|

वो बोली,मेरे मुँह कर कपड़ा बांध दो और तुम मेरे दर्द की परवाह मत करना|मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में लिटाया और लंड चूत पर सैट करके धक्का दे दिया|वो चीखती उससे पहले मैंने अपने मुँह का ढक्कन उसके मुँह पर लगा दिया|

वो छटपटा रही थी| मगर मैं किसी कसाई की तरह उसे पेलने लगा|कोई एक मिनट की मशक्कत के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ चुका था| खून निकल रहा था| मगर मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था|

हॉट पड़ोसन की सेक्सी फुद्दी फाड़ दी – Muslim Sex Story

मेरे लंड ने चूत में जगह बना ली और आगे पीछे होने लगा| कुछ ही देर में वो ठीक हो गई और मेरा साथ देने लगी|उसने कहा,अन्दर मत छोड़ना|मैंने कहा,ठीक है|दस मिनट की ताबड़तोड़ चूत चुदाई के बाद मैंने लंड बाहर खींचा |

उसके पेट पर रस छोड़ दिया|नूरजहाँ हांफ रही थी और मुस्कुरा रही थी|मैंने भी उसे मुस्कुरा कर देखा और लंड को उसके पेट पर घिसने लगा|दोस्तो, उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा|

इसके बाद तो समझो वो मेरे लंड पर फ़िदा हो गई थी| उसकी चूत की आग को मैंने ही भड़काया था|एक बार लंड चूत में लेने के बाद नूरजहाँ कामुक होती चली गई और कब उसने दूसरे लंड से चुदना शुरू कर दिया, मुझे मालूम ही चल सका|

New Sex Stories